रंगपंचमी
28 Mar, 2019
( भुलाकर सभी मन के मलाल डालो सब पर रंग गुलाल )
होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है जिसे हर धर्म लोग पूरे
प्यार और देखभाल के साथ मनाने है | प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई चारे का संदेश देता
है | इसदिन सारे लोग पुराने गिले शिकवे भूलकर गले लगते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं |बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं | फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है | होली मनाने के एक रात पहले होलिका को जलाया जाता है | इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है |भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे | वह विष्णु के विरोधी थे बल्कि प्रहलाद विष्णु भक्त थे | उन्होने प्रहलाद को मारने का प्रयास किया उन्होने होलिका से मदद मांगी | होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था | होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए प्रहलाद को गोद में लेकर जलती चिता पर बैठ गई परंतु विष्णु भगवान के आशिर्वाद से प्रहलाद बच गया और होलिका जल कर भस्म हो गई | यह कथा इस बात को दर्शाती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती है |
होली का त्यौहार पूरे कुल्लू के सबसे अच्छे विद्यालय लॉ मॉन्टेसरी स्कूल, डूंखरा में भी बडी धूम धाम से मनाया गया | इस त्यौहार के शुभ अवसर पर कक्षा छठी के बच्चों ने एक बेहद सुन्दर नृत्य दिखाया और होली का तिलक लगाकर शुभकामनाएं दी | कक्षा छठी की एक छात्रा वेदिका ने एक अद्भुत गान भी प्रस्तुत किया | विद्यालय के सभी शिक्षकों ने भी नृत्य प्रस्तुत किया | अंत में प्रधानाचार्या ने हमें पक्के रंग से न खेलने की सलाह दी | सभी ने इस दिन बहुत मज़े किए और बहुत सारी उत्पादिका कृया भी की |
यजूशी और अर्पिता