दीपावली रौशनी का त्योहार है जो अक्टूबर और नवंबर के महीनों के बीच मनाया जाता है l यह सभी भारतीयों द्वारा बहुत उत्साह में बहुत उच्च भावना के साथ मनाया जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है l और बच्चों को सबसे ज्यादा उत्साहित करता है l हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक दीपावली, अंधकार पर प्रकाश की आध्यात्मिक जीत ,बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान कि जीत का प्रतीक है l
भारत के कुछ क्षेत्रों में यह त्योहार समृद्धि की देवी लक्ष्मी , और ज्ञान के देवता गणेश के साथ जुड़ा हुआ है l जबकि भारत के कुछ अन्य क्षेत्रों में यह माना जाता है कि इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ लंका में राक्षस रावण को हराकर और 14 साल का वनवास करने के बाद अयोध्या में अपने राज्य लौटे थे।
दिवाली के दौरान लोग अपने नए कपड़े पहनते हैं अपने घरों के आंतरिक और बाहरी हिस्से को दीयों और रंगोली के साथ रोशन करते हैं, समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं प्रकाश मे आतिशबाजी करते हैं l इस दिन हम अपने अंदर का अंधकार जलाते हैं और हमेशा की तरह एल एम एस ने बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाईl साथ ही रंगोली बनाने , कार्ड बनाने और अन्य प्रतियोगिताओं में दीपावली की ओर एल एम एस की ओर से उच्च भावना दिखाई गई l इन रचनात्मक पाठयेतर गतिविधियों से छात्रों का समग्र विकास , कौशल विकास और सर्वांगीण विकास होता है l
विद्यार्थियों ने भाषण कविता आदि जैसी छोटी छोटी प्रस्तुतियां भी दी l यह गर्व की बात है कि केवल कक्षा दूसरी से पांचवीं तक के बच्चों ने दीपावली मनाई और यहां तक कि वरिष्ठों की मदद भी नहीं ली जो वास्तव में बहुत प्रशंसा की बात है l ये, यह भी दर्शाता है कि एल एम एस में बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है l सबसे आकर्षक चीज थी बच्चों द्वारा किया गया नाच और दीपावली पर एक नाटक जो दीपावली की कथा को दर्शा रहा था l जिस तरह दीपक और आतिशबाजी दिवाली रोशन करते है उसी तरह इस नाच और नाटक ने भी इस कार्यक्रम को रौशन कर दिया lकार्यक्रम के आखिर में श्रीमती ललिता कवर ने कुछ ज्ञानवर्धन शब्द बयान किए जिसके प्रत्येक शब्द से विद्यार्थियों को ऐसी ही प्रगति करने को प्रोत्साहन मिला l
ला मोंटेसरी विद्यालय ने हमेशा अपने छात्रों को लीक से हटकर सोचना और उनके प्रदर्शन में रचनात्मकता लाना सिखाया है। एल.एम.एस. बच्चों को खूब प्रोत्साहित करता है l न केवल बच्चों की छिपी प्रतिभा बाहर आती है बल्कि वे भविष्य के लिए भी तैयार हो जाते हैं और यही कारण है कि एल एम एस कुल्लू में सबसे प्रतिष्ठित स्कूल है l और जिला कुल्लू के विद्यालयों में अग्रणी भी है l
सुगम, कक्षा आठवीं
एल.एम.एस. कलैहली