ला मॉन्टेसरी विद्यालय की प्रार्थना सभाएँ
प्रार्थना सभा कार्यक्रम किसी भी विद्यालय का दर्पण होता है क्योंकि प्रार्थना सभा कार्यक्रम के द्वारा यह मालूम किया जा सकता है कि विद्यालय का शैक्षणिक स्तर कैसा है ? अनुशासन कैसा है ? जहां तक अनुशासन की बात है यह देखा गया है कि जिस विद्यालय में प्रार्थना सभा कार्यक्रम संचालन सही ढंग से नहीं होता है उस विद्यालय के विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति मिलती है। विद्यार्थियों में अनुशासन का पाठ पढ़ाने व उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि प्रार्थना सभा कार्यक्रम को रोचक बनाया जाए क्योंकि विद्यार्थी विद्यालय में प्रवेश करने के बाद अध्ययन की शुरूआत प्रार्थना सभा से ही करता है यहीं से उनके सर्वांगीण विकास की नींव रखी जाती है। शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित 20 मिनट के कार्यक्रम में बिना किसी बड़े फेरबदल के इस को प्रभावी बनाया जा सकता है।
कुल्लू के श्रेष्ठ स्कूल ला मॉन्टेसरी में भी इसी प्रकार की प्रार्थना सभाएं हर रोज़ आयोजित होती हैं। छात्र इन सभाओं में एकसाथ उत्साह सहित भाग लेते हैं। सर्वप्रथम विद्यार्थी अपनी कक्षा संबंधित कतार में खड़े हो जाते हैं और एक साथ ओम का उच्चारण करते हैं। तीन बार ओम के उच्चारण के बाद विद्यार्थी हृदय से ईश्वर का स्मरण करते हैं व तीन बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हैं। इन सब मंत्रों के बाद अब बारी आती है मुख्य प्रार्थना की। छात्र सच्चे मन से व पूर्ण भक्ति के साथ ईश्वर का स्मरण करते हुए ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गाते हैं। ईश-स्तुति द्वारा हृदय पक्ष मजबूत होता है, मन को संतुष्टि मिलती है और ईश्वर प्रेम का संदेश मिलता है। रचयिता के प्रति निष्ठा, कृतज्ञता, का भाव उत्पन्न होता है। इसके साथ ही स्वर में स्वर मिलाने का अभ्यास होता है। अनुशासन का पहला पाठ भी प्रार्थना सभा से शुरू होता है।
प्रार्थनाओं के बाद सभा का आयोजन करने वाले विद्यार्थी सभा के मुख्य विषय के बारे में सूचित करवाते हैं। अपनी रचनात्मकता दिखाते हुए बोर्ड को सजाते हैं। बोर्ड की सजावट से दर्शकों को सभा के मुख्य विषय के बारे में पता चलता है। बच्चों की कलाकारी देखकर उनके रचनात्मक मस्तिष्क के बारे में भी पता चलता है। एल.एम.एस का हिमाचल प्रदेश के श्रेष्ठ स्कूलों में से एक होने का कारण यह भी है की यहां के विद्यार्थियों के अंदर जिज्ञासा है और वे कौशल विकास में विश्वास रखते हैं।
सभा की शुरुआत एक सुविचार के होती है जो विषय से संबंधित होता है। सुविचार के बाद छात्रों को पूरे विश्व भर की खबरें सुनाई जाती है ताकि विद्यार्थियों को दिन-दुनिया के बारे में जानकारी रहे। सबसे पहले विद्यालय में घटने वाली खबर बताई जाती है, फिर हमारे राज्य हिमाचल प्रदेश के बारे में, फिर पूरे देश की खबरें। अंत में अंतर्राष्ट्रीय खबरें बताई जाती है। विद्यार्थी दुनिया को जानने से वंचित न रहे इसलिए समाचार का होना अति अनिवार्य होता है। फिर बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए आश्चर्यजनक तथ्य बताए जाते हैं। और विद्यार्थी अपने इतिहास को न भूल जाए इसलिए उस दिन जो भी ऐतिहासिक घटनाएं घटी हुई होती हैं तो उन्हें भी कालानुक्रमिक बताते हैं। बच्चों के मन की एक छोटी सी परीक्षा लेने के लिए पहेलियाँ भी पूछी जाती हैं। सभा की आखिरी प्रस्तुति एक कविता के रूप में होती है। सभा के अंत से थोड़ा पहले बच्चों को कसरत करवाई जाती है। कसरत छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे पूरे दिन सभा के बाद कक्षा में पढ़ाई करते
रहते हैं। इस माहौल में छात्रों का स्वस्थ रहना भीजरूरी होता है। छात्र अगर स्वस्थ रहेंगे तो ही अच्छे से शिक्षा ले पाएंगे और सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दे पाएंगे। योग क्रियाओं द्वारा विद्यार्थियों का शारीरिक विकास भी होता है। सभा में उन छात्रों को भी बुलाया जाता है जिनका जन्मदिन होता है या फिर शाबाशी देने के लिए बुलाया जाता है जब किसी ने प्रतियोगिता में भाग लिया हो और कोई पद हासिल किया है। सभा का अंत या तो विद्यालय गीत गाकर या फिर राष्ट्रगान गाकर किया जाता है। राष्ट्रगान मातृभूमि के प्रति प्यार, लगाव तथा समर्पण का जज्बा पैदा करता है।
विद्यालय में विशेष सभाओं का भी आयोजन होता है। इन सभा का आयोजन किसी त्योहार, किसी महान हस्ती के जन्मदिन या फिर किसी महत्वपूर्ण दिवस के उपलक्ष पर किया जाता है। इन सभाओं में बाकी सारी प्रक्रियाएं तो होती ही है पर विशेष तौर पर इन सभाओं में सुंदर सजावट होती है और गीत, नाटक, और नृत्य कला का भी प्रदर्शन किया जाता है।
बच्चों के अंदर प्रार्थना सभा में भाग लेने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका कौशल विकास होता है, विद्यार्थी सशक्त बनते हैं, उनमें एक ज़िम्मेदारी की भावना उत्पन्न होती है, उनमें स्टेज फियर काम हो जाता है, उनकी याद करने की क्षमता बढ़ जाती है, उनका उत्साह भी ज्यादा होता है, और उनका मन एकाग्रता, समर्पण, ज्ञान और सतर्कता प्राप्त करने के लिए अग्रणी होता है, जिससे दर्शकों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
धन्यवाद
Antriksh Thakur
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